इस बार चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी के इस मौसम में पारा सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ता जा रहा है। आज यही स्थिति है कि भारत के मैदानी इलाकों में इतनी गर्मी पड़ रही है।
की इलाकों में 41 से 48 डिग्री सेल्सियस का तापमान एक आम बात बन चुका है न जाने कितने जीवो की जाने और इंसानों की जाने इस तड़पती गर्मी की वजह से जा रही है।
अगर गौर से देखा जाए तो वह एक ही जीव है इंसान जो पूरी पृथ्वी पर रहने वाले जीवो को भुगतना पड़ रहा है और धीरे-धीरे नहीं बहुत तेजी से ऐसी गलती को इंसान बार बार कर रहा है ।
इंसान लगभग प्रतिवर्ष 30 हजार वर्ग मील प्रतिवर्ष जंगल काट रहा है जो कि इसका भुगतान सभी जीव जंतुओं को भुगतना पड़ रहा है ।
इसलिए आवश्यक है कि आज से हर परिवार एक शपथ लोग कि हम दो हमारे तीन हमारे 3 का मतलब है कि हमारे दो बच्चे और एक पौधा जो कि आजकल रोपण करना बहुत जरूरी है । पेड़ बड़े होकर जीवो के जीने योग्य बनेंगे और अपने मां-बाप ओके ना रहने पर भी सुरक्षित और सुकून से जिंदगी जी सकेंगे अगर जीवन को सुरक्षित एवं सुकून से जीना है तो एक प्रण लेना होगा ।
इस सुकून को खत्म ना करने के लिए हम जंगलों को ना काटना पड़ेगा धीरे-धीरे जंगलों को वृक्षों से सजाकर हमें अपने जीवन को एक लंबा रास्ता देना होगा ।
पेड़ पौधों में भी जीवन होता है केवल मनुष्य में ही नहीं पृथ्वी को नष्ट करने के पीछे इंसान का सबसे बड़ा हाथ होता है।
ना की जंतु का कुछ जंतु प्राणी इसे अपने भोजन बनाते हैं।
लेकिन पूर्ण रूप से नष्ट नहीं करते जबकि मनुष्य इसे पूर्ण रूप से नष्ट कर देता है।
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